Wednesday 10 January 2018

हास्य

बहुत पहले की बात है ,..शायद तब हमारा जन्म भी नही हुआ था। जब बड़े होने लगे तो अपने आस पास,गांव के बारे में जानने लगे,गांव के बहुत सारे किस्से है , उन्ही एक कहानियों में आज की एक कहानी है...,,

शायद सन 1970 के आसपास की ये घटना होगी। हमारे थाना क्षेत्र में एक नामी मुजरिम थे। थाने में वो हिस्ट्रीशीटर थे और कोई वारदात हो , उनका किया हो न हो, पर पुलिस सबसे पहले उन्हें ही खोजती थी  की यही किया होगा और सही अपराधी न मिलने पे उनका चालान काट के जिला जेल भेज दिया जाता था , खानापूर्ति के लिए , ये नंबर आठ के मुजरिम कहे जाते थे ।।

उनका नाम बिशेषर पांडे था, उनका भी नाम नंबर 8 के मुजरिमो में था।। एक बार की बात है, क्षेत्र में कुछ चोरी की वारदात हुई थी,पुलिस के ऊपर बहुत दबाव था अधिकारियों का, की इस केस का खुलासा किया जाए। अपराधी पुलिस से हमेशा तेज, वो पकड़ में ही न आये। थाने पे योजना बनी की इस थाने के सभी नम्बर आठ के मुजरिमो को इस केस में फंसा के चालान कर दिया जाए , और जान छूटे हम लोगो की।

कई पुलिस टीम का गठन हुआ..सारी टीमो को अपने अपने क्षेत्र में भेजा गया..। एक टीम हमारे गांव में भी आई ..और पांडे जी को खोजने लगी।
पांडे जी अपने समय के टॉप रेसर..चाहे जल, थल, नभ, हर जगह समान गति से भागते थे । ये उनकी खासियत थी...
पुलिस को आते देख पांडे जी पहले गांव से समतल रोड वे बिद्युत गति से भागे..वो जान गए की आज अगर पकड़े गए तो पाकिस्तान यानी तशरीफ़ ए दरार की बहुत सुताई होगी। वो भागने लगे पुलिस पीछे पीछे..., कुछ देर बाद गांव की सीमा समाप्त हुई और खेत आ गए..थुलथुल पुलिस वाले हाँफने लगे कुत्ते की तरह, कुछ नये पुलिस वालों ने मोर्चा नही छोड़ा। पांडे जी खेत के पगडंडियों पे जा चुके थे। पगडंडिया मात्र 6 इंच के लगभग होंगी , पांडे जी उसी वेग से आंधी की तरह भाग रहे है , पुलिस वाले गिरते पड़ते दौड़ रहे है उनको तो आदत है न चलने की इन खतरनाक रास्तो पर।
खैर पगडंडियों की बाधा खत्म हुई तो बगीचे आ गए ..पांडे जी आमो के पेड़ों में कही लुप्त हो गए , इस डाल से उस डाल बंदरो की तरह कूदते रहे और बगीचे से बाहर निकल गए ..
पुलिस वाले असहाय पिछे लगे हुए थे और अब गोली मारने की चेतावनी भी देने लगे।
अब पांडे जी के सामने संकट की मैदान में भागूँगा तो ये तो टिप देंगे हमे!! अब क्या किया जाए?? तब तक एक पुलिस का चौकीदार था जो अपने गांव का था , चिल्लाया,""साहब देखिये नही तो ये मूज में घुस जाएगा ...इतना तो पांडे जी लिए काफी था
सामने खेतो में बहुत मूज लगा हुई थी, (एक प्रकार की घास तो तेज होती है शरीर को चीर देगी) उसी में पांडे ही घुस के दौड़ने लगे । अब पुलिस वाले उसमे किसी तरह घुसे लेकिन हाथ पैर चीरने लगा तो बाहर निकल गए। तब तक पांडे जी भयंकर बाढ़ आई हुई गंगा ..जिसकी लहरे हाहाकार मचा रही थी किनारों से लड़कर, बीच मे भयंकर शोर लहरों के जैसे मानो कई युद्धक हंटर विमान आकाश में विराजमान हो। पानी ऊपर तक आया हुआ, भवर ऐसे ही एक बार आदमी उसमे फस जाये तो जलसमाधि निश्चित है । उस विकराल जल में पांडे जी छलांग लगा दिए , पुलिस वाले देख कर के हिम्मत नही जुटा सके, न नाव ही खोल सके उस भीषण जल प्रवाह में, और पांडे ही सकुशल निकल लिए।

ये तो पांडे जी कहानी थी...कल अंतराष्ट्रीय न्यायालय ने जाधव के मामले में फैसला दिया और पाकिस्तान की काफी लानत मलानत की , और फाँसी की सजा पे रोक लगा दी। भारत सरकार के तुरंत निर्णय लेने की क्षमता ने कुछ देर के लिए ही सही लेकिन हत्यारे पाकिस्तान से उसकी जान की रक्षा कर दी..और आगे के लिए प्लान तैयार हो रहा है...

कल देश के गद्दार और भ्रष्ट पार्टी ने कहा कि भारत ने इस मामले को हेग में ले जाकर पाकिस्तान की रास्ता दिखा दिया कि वो भी कश्मीर मामले को वहां ले जाये....ये बहुत ही ग़लत हुआ और मोदी इसके जिम्मेदार होंगे।
अगर मोदी ने कुछ नही किया होता तो ये आज नगर वधु की तरह रो रहे होते की क्या हुआ 56 इंच का!!!
मतलब ये वो सुतिये है कि ""छिनार औरत की तरह ..की अपने सब कुछ गलत करेंगी लेकिन कोई सही भी करे तो रोयेंगी।
इनलोगो ने खुद सबरजीत के मामले मव कुछ नही किया और उसको फांसी हो गयी ..आज की सरकार नही चाहती है कि कोई और सबरजीत इस तरह की मौत मारा जाए।
बाकी अगर तुम लोगो को लगता है कि सरकार गलत कर रही है तो चुपचाप बैठ के देखो..,2029 तक आने की सोचो भी मत, जनता सब देख रही है और जान रही है, तुम्हारे 60 साल के किये गए कुकर्मो का फल भुगत रही है । अगर बल्लभ भाई पटेल प्रधान मंत्री होते तो देश की दशा और दिशा कुछ और होती,।  तुमलोगो से तो कलयुग भी शरमा जाए तुम्हारे कर्मो को देख कर, यमराज को एक नया दण्ड संहिता लिखना पड़ेगा कि , क्या -क्या सजा तुम लोगो को दिया जाए।

बाकी अगर बहुत ज्यादा जलन हो रही है तो और बरनाल का स्टॉक खत्म हो गया हो तो पतंजलि का पेस्ट दंतकान्ति अपने सही वाले जगह पर करे , मैं ऐसा मानता हूँ कि जलन से आराम मिलेगा, अगर नही मिलता है तो तार ब्रश से धोइये😂😂😂😂




अनूप राय


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